Sunday, August 3, 2008

लम्बे अंतराल के बाद

ब्लांग बनाने के बाद बहुत दिन तक कुछ नही कर पाया.....बस ब्लाग बनाकर छोड़ दिया.....यह उनलोगों के लिए बेहद ही अफसोसजनक और निराशापूर्ण रहा होगा जिन्हें ब्लांग पर जाकर कुछ ढ़ूढ़ने में दिलचस्पी है...खासकर बस्तर और नक्सलबाद को लेकर....लेकिन उनकी यह सिकायत जल्द ही दूर होगी क्योकि सबकुछ ठीक रहा तो ब्लाग में कुछ न कुछ नया जरुर मिलता रहेगा....

Wednesday, May 16, 2007

भूमिका के बहाने

NAXALISM AND BASTER: UNURTHEN TRUTH...........


नक्सलवाद या वर्तमान संर्दभ में यू कहें कि नक्सली हिंसा और धमाको की सर्वाधिक गुंज छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में सुनाई दे रही है। लगातार हो रहे धमाकों के बीच यदि कोई सर्वाधिक प्रभावित है, तो वह है बस्तर का भोला-भाला और निरीह आदिवासी.......वह आदिवासी,जिसके भोलेपन और निर्मल हृदय के बीच बस्तर के नैसर्गिक सुन्दरता में तन-मन पूरी तरह से रम जाता है,उन्ही आदिवासियों के खून से बस्तर की धरती आज लाल हुई जा रही है...लाल झंडे की तथाकथित लाल क्रांति और तथाकथित रुप से आदिवासियों के रहनुमा शासक वर्ग की लड़ाई में बस्तर के भोले-भाले आदिवासियों का मारा जाना ही वह कारक है, जिसने मुझे बस्तर में नक्सलवाद के विषय में सोंचने, समझने, अध्ययन करने और इस विषय पर शोध करने के लिए प्रेरित किया है........इस ब्लाग पर डाली गई सभी सामग्री मेंरे खूद के अनुभव,अध्ययण और शोध की उपज है............... इस संदर्भ में आपके बहुमूल्य विचार और प्रतिक्रिया,मेरे प्रयास को गति देंगे......विषय पर यदि आपके पास कोई सामग्री है तो हमारे साथ जरुर जुड़े,प्रयास एक ही होगा.....चीखते बस्तर की अनसुनी आबाज़को को दूनिया के सामने लाना और बस्तर में अमन-चैन के रास्ते की तलाश...................प्रयास की ओर की गई हर एक कोशिश हमें मंजिल की ओर ले जाएगी..............
संजय शेखर
contact at- sanjaykumarshekhar@gmail.com